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Showing posts from August, 2020

कृषि पर्यटन – एक अहम कड़ी !!!

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अभी हाल ही में मेरे मित्र के खेत पर मुझे ‘ पोला’ उत्सव करीब से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।   वह   दिन हमारे खेतों   में   अथक परिश्रम करने वाले बैलों के नाम था। उन्हें नहला कर बढ़िया सजाया गया था। बहुत ही मनमोहक दृश्य था जब सभी बैलों को एक कतार में खड़ा किया गया और उनकी पूजा की गई। प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत हम सभी खेत पर टहलने निकले।   उस समय हमारे साथ एक ऐसी जानकार व्यक्ति थी जिसने हमें खेत में उगने वाले कुछ उपेक्षित वनौषधियों से अवगत कराया। करीब-करीब दो   घंटे का समय हमारा उनके साथ जानकारी लेने में गया। कृषि -पर्यटन का इससे अच्छा अनुभव और कोई हो नहीं सकता था।   मेरा उन सभी लोगों से अनुरोध है, जब भी हम किसी खेत पर जाएं तो इन तीन बातों पर आप अवश्य ध्यान दें – १ क्या मुझे यहाँ कुछ अच्छा देखने के लिए   मिला ?   २. क्या मुझे कुछ अच्छा करने के लिए   मिला ? ३. क्या मैं कुछ अच्छा ग्रहण कर पाया ? आम तौर पर शहर में रहने वाले लोग इन बातों को नजरंदाज करेंगे लेकिन कहीं आप एक महत्वपूर्ण कड़ी को ध्यान न देने की   गलती   तो नहीं कर रहे हैं ? ' कृषि पर्यटन ' अपने आप में वह   महत्वपू

कंबोडिया - एक अनूठे 'सुर संगम' से परिचय !!!

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हम सभी सीम रीप   में ऐमज़ान अंगकोर रेस्टोरेंट में ' अप्सरा नृत्य ' देख रहे थे । सबसे अच्छी बात, यहाँ पर नृत्य के साथ-साथ हम सभी  खमेर व्यंजनों का लुत्फ भी उठा रहे  थे।  ऐसा  शायद पहली बार था  जब मैं रात के खाने के समय किसी देश की संस्कृति को करीब से देख रहा था।  हमारे जैसे अनगिनत पर्यटक सामने  मंच पर    कंबोडियाई कलाकारों की इस अनूठी प्रस्तुति को देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे थे।  मैं यात्रा प्रबंधक की जिम्मेदारी निभाते हुए इस समूह के साथ सुबह हवाई जहाज से सीम रीप पहुँचा था   । शाम का कार्यक्रम तय था। हर कोई रात के खाने के साथ अप्सरा ' नृत्य का आनंद लेना चाह रहा था । यकीनन यह   कंबोडिया देश के आतिथ्य और संस्कृति को देखने का एक अनूठा तरीका था। यहां ‘डिनर’ का आनंद लेते हुए अप्सरा नृत्य देखा जा सकता है। कार्यक्रम की अवधि लगभग दो घंटे थी । खमेर खाद्य संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्वादिष्ट व्यंजन बुफे में खूबसूरती से रखे थे।   चूंकि इसे खाना एक   नया अनुभव था , इसीलिए सभी ने शुरुआत में सलाद , शाकाहारी सूप , फल , टोफू और स्थानीय सब्जियों से बने हुए व्यंजन चखे । अप्सरा नृत्य

चल अकेला .. चल अकेला .. चल अकेला .. भाग ३

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  भाग ३ पिछले दो भागों में   मैंने आने वाले समय में अकेले सफर करने वालों की तादाद में   बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए अपने कुछ अनुभव साझा किये हैं। एक अकेली व्यक्ति – स्त्री हो या पुरुष, अगर अकेले ही सफर करना पसंद करे तो वर्तमान में यह उतना चुनौतीपूर्ण कार्य नहीं रहा। आज देश-विदेश में प्रवास और पर्यटन सेवा देनेवाली अनेक संस्थाएं ऐसे मेहमानों को काफी प्राथमिकता दे रही हैं। पिछले तीन दशकों से मैं भारत के अलग अलग राज्यों में   काम के सिलसिले में गया हूँ। अगर भाषा के आधार   पर देखें तो मेरा अनुभव दक्षिण भारत के राज्यों में काफी कठिनाइयों से भरा था।   खासकर के दक्षिण भारत में अगर आप सफर कर रहें हों तो हिन्दी भाषा की जगह आपको ज्यादातर अंग्रेजी भाषा पर निर्भर रहना पड़ेगा। प्रवास तथा पर्यटन अभ्यासक्रम के हम सभी छात्र अध्ययन भ्रमण के लिए   दक्षिण भारत गये थे ।   आंध्र, कर्नाटक, तमिल नाडु और पुडुचेरी हमारे कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। इन   सभी जगहों में से तमिल नाडु राज्य में स्थानीय लोगों के साथ वार्तालाप करना हम सभी छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण था। आगे व्यवसाय के सिलसिले में जब इन राज्